卍 ॐ सिद्धा सतगुरू नमो नमः सिद्धा साई नमो नमःl दुलन प्यारे नमो नमः सब सुख दायी नमो नमःll 卍

Friday, 26 April 2019

साहेब सिद्धा दास

          सतनाम संप्रदाय के प्रवर्तक समर्थ स्वामी जगजीवन दास कोटवा धाम बाराबंकी के शिष्य परंपरा में साहेब दूलन दास धर्मे धाम रायबरेली के परम प्रिय शिष्य साहेब सिद्धा दास थे जिन्होंने संप्रदाय के अंतर्गत अपनी त्याग और तपस्या के बल पर अच्छी ख्याति अर्जित की| समर्थ साहेब सिद्धा दास का जन्म संवत् 1845 के आसपास सुल्तानपुर जिले के अमेठी तहसील के पठकापुर ग्राम में हुआ था आपका नाम श्री राम प्यारे पाठक था एवं पिता का नाम श्री तुलसी पाठक था एवं अन्य दो बड़े भाइयों का नाम श्री काली पाठक व श्री निहाल पाठक था बाद में आपके पिताश्री अपने ससुराल ग्राम हरगांव सुल्तानपुर में आकर रहने लगे रामप्यारे पाठक बचपन से ही संत स्वभाव के थे

एक बार आप गंगा स्नान को  गए वहां पर आप गंगा तट पर ही मूर्छित हो गए पंडा लोगों ने डोली से आपको घर भिजवाया आप घर पर भी मूक  बैठे रहते पिता जी ने काफी झाड़-फूंक कराई पर ठीक ना हुए तो पिताजी ने किसी के बताने पर आप को लेकर समर्थ साहेब जगजीवन दास श्री कोटवा धाम के पास पहुंचे वहां से स्वामी जी ने आपको धर्मे धाम साहेब दूलन दास के पास भेज दिया और उन्हीं से गुरु दीक्षा लेने की आज्ञा दी फिर आप धर्मे धाम आए और समर्थ साहेब दूलनदास से मंत्र दीक्षा लेकर नित्य प्रति गुरु सेवा के लिए जाने लगे और अनवरत 12 वर्ष तक गुरु की लंगोटी धोकर सेवा की तब परम सतगुरु श्री समर्थ साहेब दूलन दास ने प्रसन्न होकर आपको अनन्य सेवक व ईश्वर भक्त  की उपाधि देकर आपको रिद्धि सिद्धि प्राप्ति का वरदान दिया अतः आप का नाम सिद्धादास के नाम से विख्यात हो गया संप्रदाय के अंतर्गत आप के अनेकों सिद्ध शिष्य  हुए किंतु छ: शिष्यों का वर्णन प्रमुखता से मिलता है जो अग्र लिखित हैं (1)श्री साहेब हिम्मत दास रायबरेली (2) श्री साहेब दुर्बलीदास गोरखपुर मौजा बिलासपुर (3)श्री साहेब निर्भय दास जहानाबाद बिहार (4)श्री साहेब पहलवान दास भीखीपुर अमेठी(5)श्री  साहेब रिसालदास  गौरा जामो अमेठी (6)श्री साहेब गंगादास पूरब गांव रानीगंज अमेठी 
आपने अपने जीवन काल में बहुत से ग्रंथों की रचना की जिसमें दोहावली, शब्दावली, साखी, कवित्त , और विरहसत प्रमुख हैं आपने जाति  पाति  छुआछूत आडंबरों और पाखंडों का विरोध कर ईश्वरीय सत्ता की प्राप्ति के लिए नाम उपासना पर बल दिया और आजीवन दीन दुखियों के सहायतार्थ प्रस्तुत रहे| श्री समर्थ साहेब सिद्धादास के चमत्कारों की अनेकों गाथाएं हरगांव धाम व आसपास के लोगों में व्याप्त हैं तथा आज भी आने वाले भक्तों व श्रद्धालु लोगों से पूछने पर आपके प्रत्यक्ष चमत्कार जो आज भी निरंतर जारी है का  पता चलता है हरगांव धाम में प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा को मेला लगता है कार्तिक पूर्णिमा व मकर संक्रांति को विशाल मेले का आयोजन होता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं हरगांव धाम उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में जामों  से 6 किलोमीटर पश्चिम में हरगांव नामक ग्राम में स्थित है