卍 ॐ सिद्धा सतगुरू नमो नमः सिद्धा साई नमो नमःl दुलन प्यारे नमो नमः सब सुख दायी नमो नमःll 卍

Wednesday, 18 October 2017

बाबा झामदास के द्वारा परीक्षा

एक बार साहेब झामदास ने बाबा सिद्धादास की परीक्षा लेनी चाही, क्योंकि दोनों ने साथ-साथ सिद्धि प्राप्त की थी बाबा सिद्धादास अपने यहाँ पागल नही रखना चाहेते थे वह इसीलिए कि यह धाम गाँव के मध्य में है तथा पागल गन्दी गाली देते है तथा उपद्रव मचाते हैं इसी को  सोचकर बाबा सिद्धादास नेएक पागल झामदास के यहाँ भेज दिया झामदास को इनकी षक्ति पर सन्देह हुआ, जिससे परीक्षा लेने के लिए उस पागल को झाामदास ने वापस भेज दिया साहेब पागल को वापस आया देखकर सब समझ गये इन्होंने इस बार उस पागल के साथ एक पहलवान भेजा और उसे आदेष दिया कि तुम वहीं रहकर पागलों को-ठीक करना वह जाकर वहाँ बरगद के पेड़ पर रहने लगा और अपना कार्य करने लगा जब इस रहस्य को साहेब झामदास ने ज्ञान दृश्टि से जाना तो बाबा सिद्धादास की षक्ति पर विष्वास आया आज भी वह पहलवान बरगद के पेड़ पर रहकर पागलों को ठीक करता है ।

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